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Showing posts from July, 2021

SUPERHIT SONG : चलो ना जानू सतना घुमा दू

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 चलो ना जानू सतना घुमा दू : बघेली सांग 01 अगस्त 2021 को आफीसियल चैनल किंग्स प्रोडक्शन सतना मे रिलीज होने की तैयारी में है. इस गाने में अभिनय किये है - राजा भैया पुष्पराज सिंह, आरती मौर्य, बघेली सुपरस्टार अविनाश तिवारी, डी ओ पी टीम में शिवम सोनी, प्रमोद कुशवाहा ने अहम भूमिका निभाई है. अगर हम डांस कोरियोग्राफी की बात करें तो सागर मिश्रा ने बखूबी जबरजस्त मेहनत करके पूरे गाने में जान डाल दिया है. सपोर्ट प्रोडक्शन में युवराज सिंह, रवी जैसवाल, आकाश अग्रवाल, शुभम सिंह, विवेक सिंह,  शुटिंग लोकेशन के लिए शहर के चुनिंदा जगहों पर फिल्मांकन किया गया है जिसमें मंगलम रिसोर्ट, सुमित बाजार धावरी चौराहा वीनस स्वीट इत्यादि जगहों पर फिल्मांकन किया गया है, गाने में आवाज दिये है विंध्य प्रदेश के भजन सम्राट अविषेक रसिक जी ने. किंग्स प्रोडक्शन की पूरी टीम ने काफी हार्डवर्क किया है. अपने फैंस के लिए. डिजिटल पार्टनर श्रीवेद्र त्रिपाठी ने इस गाने के प्रमोशन के लिए विषेश योजनाबद्ध तरीके से तैयारी करते हुए पूरी टीम के कार्य की सराहना की.

अवनी और परी के जन्मोत्सव के अवसर पर बघेली गीतों की रही धूम

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  बघेली एक्टर और सिंगर अविनाश तिवारी के बेटी अवनी और बहन परी तिवारी का जन्म दिन भारद्वाज पैलेस सीधी में धूम धाम से मनाया गया, जिसमें बघेली इंडस्ट्री की कई हस्तियां शामिल हुई, और साथ ही बघेली और हिंदी के गाने के साथ बघेली लोकगीत सोहर की प्रस्तुति सराहनीय रहीं, अगर सिंगर की बात करें तो आधे दर्जन से भी ज्यादा सिंगरो ने अपनी गायकी प्रस्तुत की है.  कार्यक्रम में युवा एकता परिषद् के संरक्षक पंडित सचिन शर्मा सूर्या, निर्देशक आ. नरेन्द्र द्विवेदी,  यातायात थाना प्रभारी आ. भागवत पाण्डेय जी, एम पी संदेश न्यूज़ 24 के डारेक्टर आ. कनिष्क तिवारी जी, युवा समाजसेवी आ. राजू जायसवाल जी, बघेली समर्थक श्रीवेद् त्रिपाठी जी, वरिष्ठ कलाकार सुभाषचंद्र मिश्रा जी, बघेली अभिनेत्री शैलू शर्मा, अभिनेत्र चौबे, बघेली सिंगर राम तिवारी, सिंगर आनंद शुक्ल रीवा, संविदाकार शंकर सिंह जी एवं सभी स्नेही जनो के द्वारा दोनों बच्चियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी. भजन सम्राट अभिषेक रसिक जी ने अपनी सुमधुर आवाज में शानदार भजनों के गायकी से लोगों को मनमुग्ध किया साथ ही तिवारी परिवार की तरफ से आये हुए तमाम अतिथियों का स्...

कविकॉन्फ्रेंस बघेली विंध्य के नये कवियन खातिर साबित होई मील के पाथर

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 साहित्यकार का आइना जैइसन होई चाही निष्पक्ष : समालोचक चंन्द्रिका चंन्द दादा रीमा के भरद्वाज पैलेस मा पाच जुलाई का बघेली बघेलखण्ड विंध्य के कला साहित्य के निता समर्पित विंध्य कवि दरबार के आयोजन और बघेली चैनल तीन पांच के सहआयोजन के साथै साथ सुबोध उपाध्याय के भरद्वाज पैलेस के प्रायोजन मा नये लड़िकन नयी कलमन के निता एक ठे कारिक्रम आयोजित कीन गा रहा जउने के नाम रहा "कवि कॉन्फ्रेंस" ए रिपोर्ट मा जानकारी ओहिन के बारे मे... कारिक्रम के शुरुआत कारिक्रम के अतिथिन के हाथे दिया जलाय के कीनगा,ओखे बाद समाज के निता समरपित सुबोध उपाध्याय कारिक्रम मा पधारे अतिथिन का फूल माला दइके सबके सुआगत सतकार करिन सबसे पहिले सयानन केर द्वारा लड़िकन का आपन आशीरवाद रूप मा आपन अनुभव दीनगा, ओखे बाद नये कवियन के कवितापाठ कीनगा जउने का खूब सराहा गा।कारिक्रम के संचालन के काम आशीष तिवारी निर्मल सम्हारिन। कारिक्रम के मुख्खिअतिथि के रूप मा टीआरएस कालेज के बरिष्ठ मास्टर साहब भूपेन्द्र सिंह जी पधारे रहे,उहै कारिक्रम केर अध्यक्षता हिन्दी के बड़े नामन मा शुमार समालोचक चंन्द्रिका चंन्द्र दादा करिन,साथे मा बघेली कवि दरबा...

छत्तीसगढ़ी फिल्मों के "बाबूजी" आशीष सेन्दरे के दूसरी पूण्यतिथि पर शब्दाजंलि

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छ्त्तीसगढ़िया अभिनय मे रचाबसा एक नाम आशीष सेंदरे, जिसे अभिनय विरासत मे मिला अपने बाबूजी से, जिसने आपने बाबूजी की प्रेरणा को सार्थक किया हजारों छत्तिसगढ़िया प्रेमियों का "बाबूजी" बनकर, जिसने कलाजीवन की शुरुआत की थिएटर कलाकार के तौर पर उस दौर मे जब छत्तीसगढ़ी फिल्मे बनना लगभग बन्द हो गयी थी,जब छ्त्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ नही मध्यप्रदेश हुआ करता था, जब छत्तीसगढ़ के अस्तित्व की लड़ाई छत्तीसगढ़ के लोकजनमानस के अस्तित्व की लड़ाई बनने लगा था। जब इस लड़ाई का बीड़ा कलाकार, साहित्यकार, जनमानस एक स्वर मे उठा रहा था, जब इन्ही सबके बीच एक साहस उमड़ रहा था वो साहस था फिर से अपनी बोली को सिनेमाघरो तक पहुँचाने का, और इन्ही सब मे पलरहा था छत्तीसगढ़ी फिल्मों का अद्वितीय चरित्र "बाबूजी" जो अपनी बाबूजी जी की प्रेरणा से हजारों युवाओं की प्रेरणा बनने का संघर्ष तय कर रहा था।आन्दोलनों संघर्षो के उदय के बीच सतीश जैन निर्देशित बन रही थी फिल्म *"मोर छइंया भुईया"* और साथ ही सज रही थी,बिसात शह और मात की छत्तीसगढ़ की आवाज जाकर दिल्ली मे गूँजने लगी थी,और सियासतदानों के सिंघासन भी इससे अछूते नह...

बघेली विंध्य का उभरता हुए कलाकार शैलेन्द्र आजाद कैसे बन रहा बन रहा वायरल बॉय

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 आज का ब्लॉग हैं विंध्य के ऐसे युवा पर जो विंध्य के सतना जिले के  निवासी हैं, ये ब्लॉग हैं बघेली गायक शैलेंद्र आजाद के बारे मे जिन्हे बघेली में लोग शुरुआत से ही काफी पसन्द कर रहे हैं।शैलेन्द्र ने अपने गायकी से बहुत कम समय मे ही लोगो के दिलों मे जगह बनाने मे सफल हो रहे हैं। शैलेन्द्र के पारिवारिक पृष्ठभूमि की बात करे तो इनके पिता का नाम रामपाल आजाद माता का नाम लक्ष्मीदेवी हैं, परिवार महाराष्ट्र के मुम्बई मे रहता हैं जहा पर पिताजी प्राईवेट सेक्टर मे नौकरी करते हैं,शैलेन्द्र एक बेहद साधारण घर से आते हैं,और पिताजी की रुचि कभी संगीत मे थी लेकिन पूरी न हुई सो पिता की वो इच्छा पूरा करने का बेड़ा शैलेन्द्र ने उठाया हैं।  शैलेन्द्र की पढ़ाई लिखाई की बात करेतो शैलेन्द्र की प्रारंभिक शिक्षा रीवा जिला मध्यप्रदेश में हुई हैं, जहाँ पर ग्रेजुएट होने के बाद शैलेन्द्र ने मुंबई जाकर वहां से पोस्ट ग्रेजुएशन किया हैं। इनका सारा परिवार मुंबई में रहता है। बात करे शैलेन्द्र के गाने की पीछे की प्रेरणा की तो शैलेन्द्र के पिता जी को कभी गाने का शौक था लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों ने मौका नही दिय...