कविकॉन्फ्रेंस बघेली विंध्य के नये कवियन खातिर साबित होई मील के पाथर
साहित्यकार का आइना जैइसन होई चाही निष्पक्ष : समालोचक चंन्द्रिका चंन्द दादा
रीमा के भरद्वाज पैलेस मा पाच जुलाई का बघेली बघेलखण्ड विंध्य के कला साहित्य के निता समर्पित विंध्य कवि दरबार के आयोजन और बघेली चैनल तीन पांच के सहआयोजन के साथै साथ सुबोध उपाध्याय के भरद्वाज पैलेस के प्रायोजन मा नये लड़िकन नयी कलमन के निता एक ठे कारिक्रम आयोजित कीन गा रहा जउने के नाम रहा "कवि कॉन्फ्रेंस" ए रिपोर्ट मा जानकारी ओहिन के बारे मे...
कारिक्रम के शुरुआत कारिक्रम के अतिथिन के हाथे दिया जलाय के कीनगा,ओखे बाद समाज के निता समरपित सुबोध उपाध्याय कारिक्रम मा पधारे अतिथिन का फूल माला दइके सबके सुआगत सतकार करिन सबसे पहिले सयानन केर द्वारा लड़िकन का आपन आशीरवाद रूप मा आपन अनुभव दीनगा, ओखे बाद नये कवियन के कवितापाठ कीनगा जउने का खूब सराहा गा।कारिक्रम के संचालन के काम आशीष तिवारी निर्मल सम्हारिन।
कारिक्रम के मुख्खिअतिथि के रूप मा टीआरएस कालेज के बरिष्ठ मास्टर साहब भूपेन्द्र सिंह जी पधारे रहे,उहै कारिक्रम केर अध्यक्षता हिन्दी के बड़े नामन मा शुमार समालोचक चंन्द्रिका चंन्द्र दादा करिन,साथे मा बघेली कवि दरबार के बागबानी का खादी पानी दइके जीवन देय बाले राजकुमार शर्मा राज दादा के सबैं कलमकारन का खूब सनेह आशीष मिला।
कारिक्रम का मुख्य अतिथि भूपेन्द्र सिंह कहिन के"अइसन आयोजनन से नयी कवियन रचनाकारन के पौध तइयार होति ही,अउर निकरि के बड़े मंचन के शान बढ़ावति ही अइसन आयोजन होत रहय चाही। अपने अध्यक्षीय भाषन मा चंन्द्रिका चंन्द दादा कहिन के साहित्यकार का खूब पढ़य चाही,चुरुआ भर पढ़ि के कुठिला भर लिखय के कोशिश न करय चाही इया साहित्य के साथे धोखा आय। राज दादा कहिन के मंच पावय खातिर कबौ अपने चरित्र अउर सम्मान के साथ समझाउता न कीन जाय चाही, तू साफ रहबा ता आज नही त काल्हि तोहार नाम लीन जई।
कवि कॉन्फ्रेंस के रचनापाठ के शुरुआत आराधना पांडे के द्वारा शारदामाई के आराधना से कीन गय उनके बाद दिव्यांशु बड़गइया, शिवम शर्मा, सचिन त्रिपाठी, प्रखर द्विवेदी, संदीप कुशवाहा, अंकित त्रिपाठी, निखिल कुमार द्वारा आपन आपन रचनापाठ कीन गा।
कारिक्रम का कोरोना का देखि के बहुत सुरक्षित अउर कम दर्शकन के बीच कीन गा रहा जउने मा तीनपांच के सदस्यन के साथ कईउ जने कला प्रेमी उपस्थित रहे,कारिक्रम मा उमेश मिश्रा लखन,श्रीवेन्द्र त्रिपाठी, अमित शुक्ला, भूपधर अलबेला, पूजा तिवारी, रितिका द्विवेदी, रामानुज तिवारी, नीरज निर्मोही, कामता माखन, रहीश मिश्रा, बिकास भरद्वाज, आलोक दीक्षित, दीपक पटेल के साथ कईउ जने शामिल रहे।
कारिक्रम के बारे मे बघेली के निता समरपित प्रचारक शीवेन्द् त्रिपाठी कहिन अइसन कारिक्रम हमेशा हौसला बढ़ाबत हे,अ समय समय पर होत रहय चाही।एके निता विंध्य कवि दरबार अउर तीनपांच टीम के बहुत बहुत आभार
( कुछ शब्दन अ वाक्यन का प्रभावशाली बनावय अउर बघेली मा स्पष्ट कहय के निता बदला ग हैय,भावनन का समझय के कोशिश कीन जाय सादर प्रणाम )
संग्रहकरै अउर लिखय वाले : अनुपम अनूप
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