#मानव सेवा ही सच्चा धर्म: रिया लवलेश रजक (RIYA LOVELESH RAJAK)




NEW DELHI - जब देश कोरोना की भीषण महामारी से जूझ रहा हैं, हर ओर चीख-पुकार का शोर हैं, श्मसानों मे चिताए कम पड़ रही, अस्पतालों मे बेड ऑक्सीजन की कमी का मंजर, और सड़कों पर रोते बिलखते प्रवासी, और दूसरे प्रदेशों मे फंसे भूखे प्यासे लोगों ने मानव मन को वेदनाओं से भर दिया हैं, ऐसे मे कुछ लोग मानव सेवा को ही अपना धर्म मानकर पूरी कर्त्तव्यनिष्ठा यथासंभव जिम्मेदारी का निर्वहन करने लगे, और देश के लोगो के लिये अपने हाथ मदद के लिये खोल दिये, ऐसे लोगो मे एक हैं, रीवा मप्र के महमूदपुर गांव के रिया लवलेश रजक, जिन्होनें पिछले एक साल से अधिक समय से लगातार सेवाकार्य का अनुष्ठान जारी रखा हैं।



#एक सामान्य परिवार से ताल्लुकात रखते हैं रिया लवलेश रजक:

रिया लवलेश रजक पति पत्नी हैं,जहाँ रिया जी बैंगलूर के प्रतिष्ठित घराने से तो लवलेश जी रीवा के एक सामान्य घर से संम्बंध रखते हैं, और प्रेमविवाह होने के कारण प्रारंभिक वैवाहिक जीवन की शुरुआत काफी ऊथलपुथल भरी रही, रिया लवलेश रजक एक सामान्य परिवार से आते हैं, लेकिन जीवन का लक्ष्य सामान्य नही था, और इसी लक्ष्य के कारण दोनो ने अपने विवाह पूर्व अनुभवो के आधार पर रीवा से दिल्ली तक का सफर तय किया जहाँ दोनो ने एक मल्टीनेशनल कम्पनी मे साथ काम करते हुये, कई बर्षो के अथक प्रयासो से अपनी ट्रांसपोर्ट कम्पनी “”रोस लवलेश लॉजिस्टि्क्स””के नाम से शुरु की इस दौरान कई ऐसे दौर का सामना भी किया जब दोनो ने हार मानी फिर एक दुसरे की ताकत बने और रोस लवलेश लॉजिस्टि्क्स के साथ रोस लवलेश फैशन और रोस लवलेश फिल्म की नाम की दो और कम्पनियाँ खोली, और जीवन का एक लक्ष्य तय किया जिस दौर से हम गुजरे उस दौर से गुजरते लोगो को जितनी हो सकेगी उतनी मदद करेगें। और मदद का सिलसिला चल पड़ा।और लगा जिंदगी पटरी पर आ गयी।



*कोरोना काल मे लगातार कर रहे मदद:*
कोरोना के दौरान सबकी तरह रिया लवलेश रजक की ट्रांसपोर्ट कम्पनी पर भी असर पड़ा क्योकि सारे मॉल आदि लॉकडाउन के कारण बन्द हो गये, बाबजूद इसके सबकी तरह हार मानने की जगह लोगो के चेहरो पर मुस्कुराहट लाने की छोटी सी कोशिश शुरु की, वो मुहिम थी अपने व्यवसाय को ही मदद का साधन बनाने की जी हाँ रिया लवलेश रजक ने जहाँ जहाँ उनके ऑफिसेस थे वहाँ से ही लोगो की मदद करनी शुरु कर दी, 



क्या बंगाल क्या, तमिलनाडु, क्या कर्नाटक, और क्या दिल्ली जहाँ भी संभव था अपने स्टॉफ के माध्यम से लोगो को भोजन के पैकेट, ठहरने की व्यावस्था, पास उपलब्ध करवाना, घर वापसी की व्यावस्था, यथासंभव चिकित्सा सहायता, आर्थिक मदद करने की पूरी कोशिश की और इसमे सफल भी रहे।साथ साथ कई सामाजिक संगठनो को भी सेवाकार्य के लिये आर्थिक सहायता मुहैया कराते रहे,और अकेले उनसे शुरु हुआ यह सफर धीरे धीरे एक बड़ा रुप लेने लगा।अब हजारो लोगो की सहायता करके वो लोगो के चेहरे मे मुस्कान ला चुके हैं।


*मानव सेवा ही सच्चाधर्म:*
अपनी इन पुनीत कृत्यों पर रिया लवलेश जी कहते हैं, सबकी तरह हमे भी कोरोना महामारी ने आर्थिक तंगी के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया हैं, लेकिन फोन पर जब किसी अनजान को आशा भरे शब्दो को सुनते हैं तो हमारी पहली प्राथमिकता उसके चेहरे मे मुस्कान लाने की होती हैं, हो सकता हैं यही दुआए हमे बार बार मदद करने के लिये प्रेरित करती हैं,रिया जी मानव सेवा को सच्चाधर्म मानते हुये कहती हैं, कि सबको यहाँ मनुष्य रूप मिला हैं, और वही एकमात्र ईश्वर का प्रतिरूप हैं, हम ईश्वर की प्रति अपनी निष्ठा का निर्वहन इस सेवा के रूप मे कर रहे हैं, यह हमारा सौभाग्य की लोगो की रामसेतु मे गिलहरी की तरह थोड़ी ही सही कुछ मदद करने मे सफल हो पा रहे।

हमारे इस कार्य मे अनुपम अनूप ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की हैं जो स्वयं संसाधनहीन होकर भी लोगो को मदद पहुँचने तक मानसिक ढ़ाढस देते हैं, वही श्रीवेन्द्र त्रिपाठी जी लगातार सूचना संप्रेषण का महत्वपूर्ण करते हैं,इस सेवा मे हजारों हाथ हमारी साथ जुड़े हैं वही हमारी ताकत हैं। हम आशा करते हैं जल्द ही कोरोना की जंग हम जीतेगें और एक बार फिर हर चेहरे पर मुस्कान होगी। सरकार द्वारा दिये निर्देशो का पालन करे, घर पर रहे मास्क पहने।और अपने को और अपनो को सुरक्षित रखे।किसी प्रकार की सहायता हेतु हमारे नंम्बर *99100 22045* पर नि:संकोच  संम्पर्क  करे।



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