SACHIN DWIVEDI (बेउहर भैया) | युवा एकता परिषद (yuva ekta parishad)

विंध्य के लाल #सचिन द्विवेदी " बेउहर भैया " की यादेँ....

#SACHIN DWIVEDI (बेउहर भैया) , युवा एकता परिषद (Yuva ekta parishd)

#विंध्य प्रदेश (Vindhya pradesh) के एक छोटे से गाँव "लूक" (रीवा) में दिनांक 31/10/1993 को एक देश भक्त..... के घर पर किलकारी गूजी जिसे सुनकर पूरे गाँव में हर्षोंउल्लास छा गया, लोगों ने मंगलगीत गाए, मिठाइयां बाटी और एक दूसरे को बधाइयाँ दी।


समय अपने गति से धीरे धीरे आगे बढ़ता गया. जिस नैनिहाल शिशु ने किलकारी मारकर रोने से अपनी उपस्थित दर्ज कराई अब वह घुटने के बल पूरे आंगन में दौड़ने लगा, अपनी तोतली आवाज से मां माँ पुकारने लगा, उसकी भोली सी सूरत, गोल मटोल चेहरा, घुघराले बाल, गोरा मुखड़ा अनायास ही हर किसी को आकर्षित करने लगा, जो भी उसको देखता उसी के हो कर रह जाता। 


समय की सुई घूमती रही, और दिन रात अपना चक्र लगातार चलाते रहे. आंगन में घुटने के बल चलने वाला अबोध बालक अब अपने मुहल्ले की गलियों में भी हंसी ठिठोली करने के साथ अपने साथी संगी के साथ खेलने लगा. उसके शरारत और मनमोहक छवि की चर्चा गाँव के घर घर में होने लगी। 


धीरे धीरे वो घर की गलियों से निकल कर गाँव के स्कूल और फिर शहरों के कालेज तक पहुंच गया. मिलनसार व्यक्तित्व के कारण अनायास ही सब उसके चहेते दोस्त हो जाते थे, जो भी मिलता फैन बन जाता, इसका सबसे बड़ा कारण था उसकी आत्मविश्वास से निहित बातें, लोगों के प्रति समर्पण की भावना, जरूरत मंद की मदत करना, अपनी मातृभूमि और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य पालन के साथ साथ दूसरे लोगों को भी संगठित रहने की प्रेरणा के साथ, एक दूसरे की मदत करना, एवं विभिन्न प्रकार के सर्वहितकारी योजनाओं को कि्यान्वयन करने के सीख और महामंत्र वो सबको देते थे,


इन्ही सभी योजनाओं और विचारों को मूर्ति रूप देने के लिए सन 2017 में उन्होंने " युवा एकता परिषद " की स्थापना की।  25 वर्ष का युवा नौजवान अपने दिलोदिमाग में लोगों को मदत करने का जज्बा लेकर आगे बढ़ने लगा, अपने नौजवान साथियों के साथ मिलकर विभिन्न सामाजिक कार्यो में भागीदारी निभा कर लोगों को न्याय दिलवाने के साथ ही उनकों उनका हक दिलवाये, लोगों की मदत करने का जज्बा और राष्ट्र प्रेम उसे नित नई ऊंचाइयों की ओर ले जाने लगा.....


परंतु ईश्वर को अब ये सब रास नहीं आया, भला उसके आगे किसकी चलतीं है, 18 सितम्बर 2018 का वो मनहूस समय आखिर आ ही गया जो कि सही रास्ते पर जा रहे हमारे बेउहर भैया जी को पीछे से टक्कर मार कर घसीटते हुए ले गया जब तक वह स्वयं अनियंत्रित होकर पलट नहीं गया। 

पूरी सड़क लहूलुहान हो जाती है, शरीर के अंग भंग हो जाते हैं, आखों के सामने अधेरा छाने लगता है, सांस लेने में भी अब बहुत दिक्कत होने लगी, 

दम घुटने सा लगा..... लेकिन दिमाग अब भी यही कह रहा था - हे माँ.... मुझे माफ कर दे.... मै तेरी सेवा नहीं कर पाया  ......
अपने पिता की बैसाखी का सहारा नहीं बन सका........ 

छोटे भाई का शेहरा सजा न सका, अपने जिगर के टुकड़े को उगली पकड़ कर चलना सिखा न सका, कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले दोस्तों को बीच रास्ते पर छोड़ कर जा रहा हूँ..... 

अपने मातृभूमि की सेवा करते सबसे विदा ले रहा हूँ.......





कुछ स्मरणीय छाया चित्र


#जब तक सूरज चाँद रहेगा, बेउहर भैया का नाम रहेगा

#जब तक सूरज चाँद रहेगा, बेउहर भैया का नाम रहेगा

#जब तक सूरज चाँद रहेगा, बेउहर भैया का नाम रहेगा


#जब तक सूरज चाँद रहेगा, बेउहर भैया का नाम रहेगा


#जब तक सूरज चाँद रहेगा, बेउहर भैया का नाम रहेगा


#जब तक सूरज चाँद रहेगा, बेउहर भैया का नाम रहेगा





#बेउहर भैया आप अमर है, सदैव मेरे पास अपने विचारों से "युवा एकता परिषद"......


Comments

  1. 🙏#बेउहर_भैया_अमर_रहें🙏

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  2. 🙏 बेउहर भैया अमर रहें 🙏

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    1. 🙏🙏🙏💐 बेउहर भैया अमर रहें 💐💐🙏🙏

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