लोकगायिका सान्वी तिवारी के लोकगीत की लोगों ने की सराहना

#लोकगीत गायिका सान्वी तिवारी (FolkSong Singer Sanvi Tiwari)

FolkSong Singer Sanvi Tiwari


नाम :- सान्वी तिवारी
पति :- संजय तिवारी
प्रेरणा :- यूट्यूब से
यूट्यूब निर्माता :- संजय तिवारी

अपने इस ब्लॉग मे हम बात कर रहे हैं, #सान्वी_तिवारी जी के बारे मे जो मूल रूप से #लोकगीतगायिका है,जो म्युजिक के बिना ही अपने मधर स्वर मे लगातार यूट्यूब के माध्यम से लोकगीतों का गायन करके बघेली लोकगीतों के प्रसार विस्तार का कार्य कर रही हैं। हलाकिं अभी सान्वी तिवारी जी के चैनल पर Subscribers की संख्या कम हैं, उनके  Videos मे views भी कम आते हैं और फॉलोवर की संख्या भी अभी कम ही हैं, लेकिन इनका मधुर स्वर और लगातार कार्य करने की विशेषता को देखकर लगता हैं इनका सहयोग हम सभी को करना चाहिये।

FolkSong Singer Sanvi Tiwari


यूट्यूब चैनल की प्रेरणा और अब तक का सफर :- सान्वी तिवारी एक गृहणी हैं, और पति के साथ रहती हैं, पति के ऑफिस जाने के बाद घर के कामों के बाद खाली समय मे युट्यूब देखते हुये उन्हे एक दिन खयाल आया कि क्युँ न YouTube पर खुद के विडियोंज डाले, और हमारे विंध्य की एक प्रमुख विशेषता हैं कि हमारे घरों मे बेटियों को बचपन मे ही सिलाई, कढ़ाई, पाक क्रिया के साथ लोकगीतों का गायन को भी प्रेरित किया जाता हैं। सान्वी तिवारी जी को भी बचपन से लोकगीत गाने का शोक था तो इसी शौक को फिर से नया रूप देने की कोशिश की, और इस बारे मे पति संजय तिवारी जी से जब उन्होनें बात की तो संजय जी ने उनका यूट्यूब चैनल बना दिया, जिसमे सान्वी जी ने लोकगीत गाकर अपने फोन से रिकार्डिग करके डालने शुरु किये, लेकिन कोई विडियों वायरल नही हुआ फिर भी बिना हार माने सान्वी जी लोकगीतों को चैनल पर लगातार डाल रही हैं।और एक लोकगीत शुरु हुआ सफर आज 85 विडियो तक पहुंच चुका हैं ।



सान्वी तिवारी कहती हैं :- बचपन से ही अपनी बोली, संस्कृति,सभ्यता लोकगीतो से गहरा लगाव रहा हैं, और आधुनिक सोशल मीडिया ने हमको ये मौका दिया हैं कि हम अपने भीतर की प्रतिभा को लोगो को दिखा सके, इसीलिये यूट्यूब को माध्यम बनाकर लगातार प्रयास कर रहे अपनी बोली की मिठास अपनी संस्कृति के विस्तार के माध्यम से गीतों को प्रस्तुत करके, अब तक निश्चित ही कोई गीत ज्यादा देखा नही गया है, और उम्मीद हैं कि आने वाले समय दर्शको का भरपूर प्यार मिलेगा और हमारी गुरतुल बघेली के लोकगीत लोगो की जुबान पर होगें, अभी साधनों का आभाव हैं इसलिये बिना संगीत के गाती लोगो का प्यार मिला तो संगीत के साथ और बेहतर क्वालिटी मे लोकगीत लायेगें।

वही भविष्य को लेकर वो चाहती हैं उनका एक लोकगीतों से जुड़ा समूह हो जिसके माध्यम से वह आर्केट्रा की लोकगीतों की सुन्दर तान से लोगो की खुशियों को और बढ़ा सके।सफलता एक दिन मे नही मिलती लेकिन एक दिन जरूर मिलती हैं और तब वह मेहनत करती रहेगी।वही वह दर्शको से कहती हैं, आप सब अपना प्यार सपोर्ट और आशीबाद अपनी बोली बघेली की इस बिटिया पर अपने घर की तुलसी पर बनाये रहे ताकी हमारी संस्कृति और सभ्यता हमारी मातृ भाषा बघेली ऐसे ही बढ़ती रहे, और हम सब कलाकारों को बघेली मे काम करने की प्रेरणा मिलती रहे।


नीचें दी गयी लिंक पर आप जाकर सान्वी तिवारी के चैनल को सब्सक्राईव करे, फॉलों के और अधिक से अधिक शेयर करे ताकि सान्वी तिवारी के लोकगीत अधिक से अधिक लोगो तक पहुँच सकें और एक कलाकार को प्रोत्साहन मिल सके :-



यूट्यूब चैनल :-

फेसबुक पेज :-
https://www.facebook.com/Sanvi-Tiwari-Lokgeet-Rewa-111771057227800/

इंस्टाग्राम :-
https://instagram.com/sanvi4846?igshid=dd8kyumxmjuq

लेखन :- अनुपम अनूप
संग्रहण :- श्रीवेन्द्र त्रिपाठी

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